जिलाधिकारी/जिला निर्वाचन अधिकारी डाॅ. इन्द्रमणि त्रिपाठी ने अवगत कराया कि सुप्रीम कोर्ट ने इंजीलवादी डाॅ. केए पाॅल द्वारा दायर एक जनहित याचिका (पीआईएल) खारिज कर दी।
जिसमें भारतीय चुनावों में फिजिकल बैलेट पेपर से मतदान फिर से शुरू करने की मांग की गई थी।
न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति पीबी वराले की पीठ ने मामले की सुनवाई की। सुनवाई की दौरान डाॅ. पाॅल ने तर्क दिया, यहां तक कि एलन मस्क ने भी कहा कि ईवीएम (इलैक्टाॅनिक वोटिंग मशीन) से छेड़छाड़ की जा सकती है।
वैश्विक प्रथाओं का जिक्र करते हुए उन्होंने उल्लेख किया कि संयुक्त राज्य अमेरिका सहित अधिकांश देशों ने फिजिकल सिस्टम को चुना है। उन्होंने कहा कि अधिकांश देश फिजिकल बैलेट सिस्टम का पालन करते हैं और भारत को भी इस पर विचार करना चाहिए।
जिस पर न्यायमूर्ति ने एक तीखे सवाल के साथ हस्तक्षेप किया कि हमें अन्य देशों का अनुसरण क्यों करना चाहिए। जिस पर डाॅ. पाॅल द्वारा भिन्न-भिन्न प्रकार की दलीलें पेश की गई। जिसके उपरांत माननीय न्यायमूर्ति नाथ ने दलीलों को खारिज करते हुए कहा कि अदालत ऐसे काल्पनिक दावों पर विचार नहीं कर सकती।
पीठ ने अंततः निष्कर्ष निकालते हुए जनहित याचिका को खारिज करते हुए सुनवाई को समाप्त कर दिया।
Report: Md Shakeel Auraiya..