महाकुम्भ-2025 के सकुशल एवं निर्विघ्न आयोजन के दृष्टिगत आज दिनांक 16.01.2025 को मेला प्राधिकरण स्थित आई0सी0सी0सी0 सभागार में मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश शासन, प्रमुख सचिव नगर विकास व पुलिस महानिदेशक उत्तर प्रदेश द्वारा समीक्षा बैठक की गई। सर्वप्रथम महाकुम्भ में ड्यूटी हेतु लगे समस्त पुलिस बल को पौष पूर्णिमा एवं प्रथम अमृत स्नान मकर संक्रांति पर्व को सकुशल संपन्न कराने हेतु बधाई दी गई एवं प्रमुखता से सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि आगामी अमृत स्नान पर्व मौनी अमावस्या को दृष्टिगत रखते हुए अखाडों के साधु-संत-महात्माओं व कल्पवासियों/स्नानार्थियों/श्रद्धालुओं को स्नान घाट तक आने-जाने वाले मार्गो तक पहुंचने में किसी भी प्रकार की कठिनाई का सामना न करना पड़े एवं महाकुम्भ मेला क्षेत्र में निरंतर बढ़ रही भीड़ को दृष्टिगत रखते हुए सभी सुविधाओं की समुचित व्यवस्था करें एवं आने-जाने वाले मार्गों व प्रत्येक चौराहों/तिराहों पर पुलिस बल के द्वारा सतर्क दृष्टि रखते हुये सुरक्षा व्यवस्था को व्यापक स्तर पर सुदृढ़ किया जाये।
तत्पश्चात मुख्य सचिव उ0प्र0 व पुलिस महानिदेशक उ0प्र0 द्वारा अन्य उच्चाधिकारीगण के साथ संगम नोज का स्थलीय भ्रमण/निरीक्षण किया गया एवं स्नान घाटों तक जाने-वाले मार्गों की सुरक्षा व्यवस्था के संबंध में उच्चाधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए।
उक्त समीक्षा बैठक में पुलिस महानिदेशक उ0प्र0 के द्वारा आई0सी0सी0सी0 सभागार में महाकुम्भ मेला ड्यूटी हेतु आए हुए पुलिस बल को ठंड से बचाव हेतु जैकेट-जूता-टोपी प्रदान की गई। इस दौरान अपर पुलिस महानिदेशक जोन प्रयागराज, पुलिस आयुक्त प्रयागराज, मंडलायुक्त प्रयागराज, पुलिस महानिरीक्षक प्रयागराज परिक्षेत्र, पुलिस उप महानिरीक्षक महाकुम्भ, मेलाधिकारी प्रयागराज, जिलाधिकारी प्रयागराज, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक महाकुम्भ के साथ अन्य अधिकारी कर्मचारीगण उपस्थित रहे।
उत्तर प्रदेश शासन, प्रमुख सचिव नगर विकास व पुलिस महानिदेशक उत्तर प्रदेश द्वारा की गई समीक्षा बैठक ।
महाकुम्भ-2025 के सकुशल एवं निर्विघ्न आयोजन के दृष्टिगत आज दिनांक 16.01.2025 को मेला प्राधिकरण स्थित आई0सी0सी0सी0 सभागार में मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश शासन, प्रमुख सचिव नगर विकास व पुलिस महानिदेशक उत्तर प्रदेश द्वारा समीक्षा बैठक की गई। सर्वप्रथम महाकुम्भ में ड्यूटी हेतु लगे समस्त पुलिस बल को पौष पूर्णिमा एवं प्रथम अमृत स्नान मकर संक्रांति