शातिर दिमाग का फर्जी ट्रैक्टर ड्राइवर से बना शातिर लिपिक नागेश बाबू और कर्मचारी धीरज राजपूत ने जलाए सरकारी दस्तावेज।
लगातार खबर चलने की बात से नगर पालिका में जलाए गये महत्वपूर्ण दस्तावेज।
आखिर ऐसी क्या बात थी कि आधी रात के बाद दस्तावेजों को आग के हवाले किया गया।
ऐसा प्रतीत होता है कि इन दस्तावेजों में कहीं ना कहीं हेरा-फेरी का मामला रहा होगा।
नगर पालिका अधिशासी अधिकारी राम आसरे कमल का कमाऊ पूत व दाहिना हाथ कहलाता है फर्जी ट्रैक्टर ड्राइवर से बना लिपिक नागेश बाबू।
इतना सब होते हुए नगर पालिका परिषद अधिशासी अधिकारी चुप्पी साधे हुए हैं, आखिर ऐसा क्यों?
कमाऊ पूत एवं अपने दाहिने हाथ फर्जी ट्रैक्टर ड्राइवर से बना शातिर लिपिक नागेश बाबू पर क्यों मेहरबान है अधिशासी अधिकारी राम आसरे कमल।