इटावा उत्तर प्रदेश सैफई मेडिकल यूनिवर्सिटी के डॉ को पुलिस गिरफ्तार करके भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम न्यायालय में पेश करने के लिए लखनऊ ले गई l
पुलिस की इस कार्रवाई से मेडिकल कॉलेज में हड़कंप मच गया, डॉक्टर पर मरीजों का महंगी दर का पेसमेकर लगाने के नाम पर सस्ती दर का पेसमेकर लगाने के आरोप हैं। डॉ समीर कार्डियोलॉजी विभाग में सहायक प्रोफेसर पद पर तैनात थे इटावा सैंफई उत्तर प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय सैफई के कार्डियोलॉजी विभाग में तैनात सहायक प्रोफेसर डॉ समीर सर्राफ को मंगलवार को पेस मेकर घोटाले में सैफई पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है बीती 8 फरवरी 2022 को तत्कालीन चिकित्सा अधीक्षक प्रोफेसर डॉक्टर आदेश कुमार द्वारा सैफई थाने में विश्वविद्यालय के कार्डियोलॉजी विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ समीर सरार्फ व अन्य पर वित्तीय अनियमितता, पीड़ित मरीजों को वित्तीय हानि पहुंचाने और मरीजों की जान खतरे में डालने के आरोप में मामला दर्ज कराया गया था, जिसकी जांच क्षेत्राधिकारी नागेंद्र चौबे के द्वारा की जा रही थी इससे पूर्व विश्वविद्यालय के तत्कालीन कुलपति प्रोफेसर डॉ राजकुमार ने 20 मार्च 2021 को विश्वविद्यालय में कार्यरत कार्डियोलॉजी डिपार्टमेंट में कार्यरत सहायक प्रोफेसर डॉक्टर समीर सरार्फ को वित्तीय अनियमितता तथा सत्यनिष्ठा से कर्तव्यों का पालन न करने व नियमों का उल्लंघन करने का दोषी पाये जाने पर उन्हें तत्काल प्रभाव से निलम्बित कर दिया था लगातार समीर के खिलाफ जांच चल रही थी नागेंद्र चौबे ने इस मामले की जांच पड़ताल करके लखनऊ भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम न्यायालय में पेश करने के लिए रवाना किया है वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक संजय कुमार वर्मा ने बताया कि 2022 में डॉ समीर पर मुकदमा दर्ज हुआ था इसकी तफ्तीश अधिकारी के द्वारा की जा रही थी सीओ सैफई नागेंद्र चौबे मामले की तफ्तीश कर रहे थे जांच पड़ताल के बाद शासन को रिपोर्ट भेजी गई थी जिसमें आरोपी की गिरफ्तारी करने की स्वीकृति मिलने के बाद इसकी गिरफ्तारी की गई है इस मामले में कई धाराओं की वृद्धि की गई है पूर्व चिकित्सा अधीक्षक आदेश कुमार ने मुकदमा दर्ज करवाया था जांच पड़ताल में पाया गया है कि जो मरीजों को पेस मेकर लगाए जाते थे, वे डुप्लीकेट पेसमेकर थे
बाइट-संजय कुमार वर्मा एसएसपी