पंचनद धाम क्षेत्र में यमुना चंबल में बाढ़ की स्थिति, टूट सकता है पिछले चालीस बर्ष का रिकॉर्ड
रिपोर्टर रजनीश कुमार
औरैया । प्रदेश के ही नहीं बल्कि संपूर्ण देश में एकमात्र धार्मिक पौराणिक और ऐतिहासिक पवित्र पांच नदियों यमुना चंबल सिंध पहूज और कुंवारी के पवित्र संगम स्थल पंचनद धाम क्षेत्र में एक बार फिर से बाढ़ की स्थिति बन गई है चूंकि संपूर्ण देश में विशेष रूप से राजस्थान, दिल्ली, मध्य प्रदेश के साथ साथ संपूर्ण देश में हो रही लगातार बारिश से राजस्थान के चंबल नदी पर बने कोटा बैराज से कल छोड़े गए लगभग पांच लाख क्यूसेक पानी से चंबल नदी में उफान आने से यमुना चंबल संगम पंचनद धाम में यमुना नदी में बाढ़ का असर दिखाई दे रहा है।
बताते चलें कि पंचनद धाम क्षेत्र के अति महत्वपूर्ण अजीतमल तहसील क्षेत्र के जुहीखा पुल पर बनी केंद्रीय जल आयोग की बाढ़ चौकी पर तैनात कर्मचारी और कोटा बैराज से मिली जानकारी अनुसार बाढ़ एक बार फिर से इस भाद्र पक्ष के अंत में आज़ से लगभग पैंतीस वर्ष पहले भीषण बाढ़ देखने को मिली थी उस समय नदी तटवर्ती इलाकों में किसानों की खेतों में खड़ी बाजरे,मूंग, अरहर,अरंडी और दढ़हरी कीं पकीं फसलें पानी में सड़ गईं थीं अतः इस समय नदी में पानी के बढ़ने रफ्तार एक घंटे में दस से बारह सेंमी है और सुबह तीन बजे से खबर लिखे जाने तक डेढ़ मीटर पानी बढ़ गया है यदि यही स्थिति रही और इस समय यदि मध्य प्रदेश से आने वाली सिंध नदी के साथ साथ अन्य किसी नदी में पानी छोड़ा गया तो बाढ़ भीषण रूप ले सकती है जो इस मास में आने वाली लगभग पैंतीस वर्ष पहले की बाढ़ का रिकार्ड ध्वस्त कर सकती है जिससे इस बेमौसम बाढ़ से नदी तटवर्ती इलाकों में किसानों की बाजरे फसलें नष्ट हो सकती है।