Satyavan Samachar

हथकरघा और वस्त्र उद्योग को बढ़ावा देने के लिए योगी सरकार का बड़ा फैसला.!

हथकरघा और वस्त्र उद्योग को बढ़ावा देने के लिए योगी सरकार का बड़ा फैसला

2017 की नीति के तहत छूटे निवेशकों को मिलेगा अनुदान, 26 इकाइयों को मिलेगी 60 करोड़ रुपये की मदद

 स्थानीय उद्यमियों को राहत से टेक्सटाइल क्षेत्र में फिर लौटेगी रौनक, उत्पादन क्षमता होगी मजबूत

हैंडलूम और पावरलूम इकाइयों को मिलेगा अनुदान, सिल्क, टेक्सटाइल और गारमेंट क्षेत्र में बढ़ेगा निवेश और रोजगार

लखनऊ, 21 अप्रैल। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश सरकार ने एक और बड़ा कदम उठाते हुए राज्य के हथकरघा, पावरलूम, सिल्क, टेक्सटाइल और गारमेंट उद्योग को मजबूती देने का ऐलान किया है। सरकार ने उन औद्योगिक इकाइयों को वित्तीय सहायता देने का निर्णय लिया है, जो उत्तर प्रदेश हैंडलूम, पावरलूम, सिल्क, टेक्सटाइल और गारमेंटिंग नीति-2017 की नीति लागू होने से पहले आंशिक निवेश कर चुकी थीं, लेकिन नीति के दायरे में आने से छूट गई थीं। योगी सरकार का यह फैसला राज्य के पारंपरिक वस्त्र उद्योग को नई ऊर्जा देने वाला है। 

योगी सरकार केवल नीतियां बनाकर नहीं छोड़ती, बल्कि समय-समय पर समीक्षा कर उन उद्यमियों की भी सुध लेती है जो तकनीकी या प्रशासनिक कारणों से योजनाओं का लाभ नहीं ले पाए। प्रदेश सरकार के इस फैसले से करीब 26 औद्योगिक इकाइयों को सीधे तौर पर फायदा होगा। इन इकाइयों के लिए सरकार लगभग 60 करोड़ रुपये का अनुदान प्रदान करेगी, जिससे वे अपने उत्पादन को और बढ़ा सकेंगी। इसके लिए सरकार ने बकायदा शासनदेश जारी कर उन्हें योजना के दायरे में ले आने का निर्णय किया है। यह निर्णय उन इकाइयों के लिए राहत का सबब बना है, जिन्होंने नियमानुसार निवेश तो किया था, लेकिन समयसीमा या तकनीकी कारणों से नीति का लाभ नहीं पा सके थे।

राज्य में वस्त्र उद्योग को बढ़ावा देना, निवेशकों को आकर्षित करना है सरकार का उद्देश्य

उत्तर प्रदेश हैंडलूम, पावरलूम, सिल्क, टेक्सटाइल और गारमेंटिंग नीति-2017 का उद्देश्य राज्य में वस्त्र उद्योग को बढ़ावा देना, निवेशकों को आकर्षित करना और अधिक से अधिक रोजगार सृजन करना है। इसके तहत निवेश करने वालों को विभिन्न प्रकार के अनुदान और सुविधाएं देने का प्रावधान है। इस नीति के कारण प्रदेश में बड़ी संख्या में निवेशकों ने रुचि दिखाई और निवेश किया। हालांकि, कुछ इकाइयों ने आंशिक निवेश पहले ही कर दिया था, लेकिन वाणिज्यिक उत्पादन नीति की प्रभावी तिथि के बाद प्रारंभ किया। ऐसे मामलों को देखते हुए सरकार ने सहानुभूति के आधार पर सकारात्मक विचार करते हुए उन्हें भी नीति के तहत पात्र मानने और यथोचित अनुदान देने का निर्णय लिया है।

उत्पादन क्षमता में होगा इजाफा, बढ़ेगा रोजगार

वे इकाइयां, जिन्होंने नीति के प्रारंभ से पहले यानी 13 जुलाई 2017 से पूर्व अपना आंशिक निवेश किया, लेकिन वाणिज्यिक उत्पादन बाद में प्रारंभ हुआ, अब उन्हें भी 2017 की नीति का लाभ दिया जाएगा। यह निर्णय लघु, मध्यम, विस्तृत और मेगा श्रेणी की इकाइयों पर समान रूप से लागू होगा। योगी सरकार के इस निर्णय से प्रदेश में औद्योगिक निवेश को नई गति मिलेगी। ऐसे उद्यमियों का उत्साह बढ़ेगा जिन्होंने पहले से अपनी पूंजी प्रदेश में लगाई है। अनुदान मिलने से उत्पादन क्षमता में इजाफा होगा और रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे। प्रदेश की सिल्क, टेक्सटाइल और गारमेंटिंग इकाइयों को एक स्थायी प्रोत्साहन मिलेगा जिससे स्थानीय कारीगरों और बुनकरों को भी फायदा होगा।

योगी सरकार की औद्योगिक नीति को मिलेगा बल

यह निर्णय सरकार की उस नीति के अनुरूप लिया गया है, जिसमें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बार-बार यह दोहराते रहे हैं कि राज्य को औद्योगिक विकास का केंद्र बनाना है। इस कदम से न केवल निवेशकों का भरोसा मजबूत हुआ है, बल्कि सरकार की पारदर्शिता और निवेशकों के हितों की रक्षा करने की प्रतिबद्धता भी सामने आई है।

Report saikh faizur rahman

Prashant Yadav
Author: Prashant Yadav

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