भोपाल /मध्य प्रदेश
भोपाल. :-उज्जैन और महेश्वर समेत 16 धार्मिक शहरों में मोहन सरकार पूरी तरह शराबबंदी करने जा रही। नई शराब नीति में इसका प्रावधान होगा। इसके बाद ऐसे शहरों की सीमा में नई दुकानें नहीं खुलेंगी। पुरानी दुकानों को भी बंद कराया जाएगा। बाहर से लाकर शराब बेचने वालों को जेल जाना पड़ सकता है। नई शराब नीति फरवरी 2025 से पहले आएगी। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सोमवार को धार्मिक शहरों में शराबबंदी करने की घोषणा की।इसके पहले की दो सरकारें भी अलग-अलग स्वरूपों में शराबबंदी की बात करती रही है। तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने 2016-17 में कहा था कि नर्मदा नदी के 5 किमी के दायरे में शराबबंदी करेंगे। यह नर्मदा क्षेत्र के 20 जिलों में अभी लागू है। इसके अलावा उज्जैन समेत धार्मिक शहरों में भी मुख्य स्थानों से 100 से 200 मीटर दायरे में पाबंदी थी। हालांकि इसका 95% जगह पालन नहीं हो रहा। वहीं उमा भारती ने भी नशे को खत्म करने पर काम किया था।
उज्जैन जैसे धार्मिक नगरों में 200 मीटर दायरे में विक्रय पर प्रतिबंध
मुख्यमंत्री ने यह कहा
साधु-संतों ने 1. धार्मिक नगरों
शराब दुकानें बंद करने के सुझाव दिए हैं, उनका परीक्षण करवा रहे हैं।
7 वहीं धार्मिक नगरों का वातावरण
प्रभावित होने संबंधी शिकायतें भी मिल रही है।प्रयास है कि धार्मिक नगरों की 3 पवित्रता बना रहे इसलिए राज्य सरकार नीति में सुधार कर धार्मिक नगरों में शराब बंदी लागू करने पर विचार कर रही है। जल्द ही निर्णय लेकर इस दिशा में ठोस कदम उठाएगी।
ये है धार्मिक और पवित्र शहर
ओंकारेश्वर,
अमरकंटक, अनूपपुर
मंडला शहर, मंडला
उज्जैन, उज्जैन
• पत्रा नगर, पन्ना
मुलताई बैतूल
यतिया, वलिया
जबलपुर शहर
चित्रकूट, सतना
मैहर, सतना
• सलकनपुर, सीहोर
• महेश्वर, खरगोन
मंडलेवर खरगौन
पशुपतिनाथ मंदिर, मंदसौर
म्यारीपाट, जक्तपुर
बरमान घाट, नरसिंहपुर
उमा भारती से मिले थे सीएम
नशे के खिलाफ मुखर पूर्व सीएम उमा भारती से हाल में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की मुलाकात हुई। उमा ने उनका सम्मान भी किया। सूत्रों के मुताबिक मुलाकात में शराब बंदी पर चर्चा हुई। शिवराज सरकार में शराब दुकान पर पत्थर फेंक उमा भरती विरोध कर चुकी थीं।
स्टेट हेड महेन्द्र सिंह..
