वन्यजीव संरक्षण जागरूकता कार्यक्रम इटावा
इटावा। मुख्य विकास अधिकारी के दिशा निर्देशन व बेसिक शिक्षा अधिकारी के सगयोग से जनपद इटावा में पर्यावरण एवं वन्यजीव संरक्षण के लिये कार्य कर रही संस्था ऑर्गनाइजेशन फ़ॉर कंजर्वेशन ऑफ एनवायरनमेंट एंड नेचर (ओशन) द्वारा आयोजित स्कूल सेफ्टी (एसएस), एसडीएमपी स्कूल डिजास्टर मेंनेजमेंट प्लान के तहत राज्य आपदा विषयक सर्प पहचान,सर्पदंश उपचार व सर्पों का महत्व विषय पर आधारित एक महत्वपूर्ण जागरूकता कार्यक्रम
आदर्श प्राथमिक विद्यालय एवम इंडियन एकेडमी इकदिल में शैक्षणिक स्टाफ सहित लगभग एक सैकड़ा स्कूली छात्र छात्राओं की उपस्थिति में आयोजित हुआ।
सर्पमित्र डॉ आशीष ने बच्चों को विस्तार से दी सर्पदंश पहचान और उपचार की महत्वपूर्ण जानकारी
उक्त जागरूकता कार्यक्रम में नगर पालिका परिषद इटावा के स्वच्छता, पर्यावरण एवं वन्यजीव संरक्षण के ब्रांड एम्बेसडर एवं मिशन स्नेक बाइट डेथ फ्री इण्डिया के यूपी कोर्डिनेटर, वन्यजीव विशेषज्ञ सर्पमित्र डॉ आशीष त्रिपाठी ने सभी शिक्षक शिक्षिकाओ एवं छात्र छात्राओ को सर्पो की पहचान और फर्स्ट एड उपचार सम्बन्धी विशेष प्रशिक्षण प्रदान किया। उन्होंने कहा कि,आपके स्कूलों में व घरों के आस पास चूहों और मेंढकों को सूंघकर ही उनके पीछे अक्सर सर्प चले आते है। अतः हमे अपने अपने घर एवं स्कूलों में साफ सफाई स्वच्छता का विशेष ख्याल रखना चाहिये। सर्पदंश का शिकार होने पर हमे बिल्कुल भी घबराना नही चाहिए क्यों कि,सभी सर्प जहरीले नही होते है।
डॉ आशीष ने विशेष रूप से ग्रामीण बच्चों से कहा कि,हमेशा ध्यान रखना कि, कोबरा या करैत के दंश का इलाज झाड़ फूँक कभी नही होता बल्कि सिर्फ एंटीवेनम ही होता है,साथ ही बताया कि,सभी सर्प किसान मित्र होते है जो चूहों को खाकर पर्यावरण संतुलन के साथ हमारे खाद्यान्न भंडार को चूहों और हानिकारक कीड़ों से सुरक्षित बनाए रखने अपनी अहम भूमिका निभाते है अतः सर्पों और अन्य वन्यजीवों को हमे कभी भी नही मारना चाहिए।
कार्यक्रम में सेंट मैरी इंटर कालेज की कक्षा सात की छात्रा शानवी त्रिपाठी ने सभी उपस्थित बच्चों को सर्पदंश के बाद क्या करें क्या न करें के बारे में विस्तार से बताया।
कार्यक्रम में प्रधानाचार्य सुशील सम्राट ने कहा कि,आज का यह विशेष सर्पदंश जागरूकता कार्यक्रम ग्रामीण बच्चों के लिए बेहद ही ज्ञानवर्धक रहा । वर्तमान में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा सर्पदंश राज्य आपदा भी घोषित है, उस परिपेक्ष्य में यह जागरूकता कार्यक्रम समाज मे सर्पदंश से होने वाली जनहानि रोकने के लिये बेहद ही महत्वपूर्ण है,आज बच्चों ने वन्यजीव संरक्षण एवं सर्पों को पहचानने के साथ साथ सर्पदंश के बाद का जरूरी त्वरित प्राथमिक उपचार एवं पट्टी करना भी सीखा साथ मे यह भी जाना कि सर्पदंश के बाद के इलाज के लिए उन्हें जिला अस्पताल इटावा के इमरजेंसी वार्ड के कमरा नम्बर तीन में जल्द से जल्द जाना चाहिये। उक्त विशेष जागरूकता कार्यक्रम में सैकड़ों बच्चों सहित विद्यालय के प्रधानाचार्य सुशील सम्राट सहित शिक्षिकाओं में ऋचा तिवारी, सुमन चौहान, स्वेच्छा राजपूत, दामिनी शुक्ला, फिजा अंसारी, जया मिश्रा, अंजली यादव, लक्ष्मी, प्रियांशी, दीक्षा, शिवानी राजपूत, अंजली शाक्य, अलफ़िशा, प्रियंका आदि उपस्थित रही l