सुधीर सिंह ब्यूरो चीफ औरैया:
औरैया। कहने को तो सरकार द्वारा टीबी मरीजों के बेहतर उपचार कराने के साथ ही मरीज को उपचार दौरान प्रतिमाह 500 रुपए देने के साथ टीबी मुक्त प्रदेश बनाने के बड़े-बड़े दावे किए जा रहे हैं लेकिन वहीं दूसरी ओर इन दिनों औरैया जिले के जिला चिकित्सालय के साथ ही जिला अस्पताल के साथ ही जिले भर के सभी सीएचसी पीएचसी में टीबी मरीजों के लिए अति आवश्यक साइक्लोसेरन आदि दवाएं पिछले लगभग डेढ़ माह से अधिक समय से उपलब्ध नहीं हैं। जिससे दवाओं के अभाव में टीबी मरीजों की बीमारी घटने के बजाय लगातार बढ़ती जा रही है, जिससे मरीज जिन्दगी और मौत से जूझ रहे हैं, वहीं दूसरी ओर सरकार के टीबी मुक्त अभियान चलाने के किये जा रहे दावे भी जिले में बिल्कुल खोखले साबित होते नजर आ रहे हैं, वहीं दवा की कमी के बाबजूद सरकार के टीबी मुक्त ग्राम पंचायतों को पुरस्कृत करने के पिट रहे ढिंढोरों पर भी प्रश्नचिन्ह लग रहा है?
जिस तरह से चिकित्सा संबंधी सरकारी दावे खोखले साबित हो रहे हैं उसे जनता की नाराजगी भी सरकार के प्रति बढ़ रही है और यही हालत रही तो आगामी लोकसभा चुनाव में सरकार को इसका खामियाजा भुगतने की बात से इंकार नहीं किया जा सकता है। वैसे तो सरकार द्वारा प्रदेश को टीबी मुक्त करने के साथ ही टीबी पर नियंत्रण के लिए मरीजों के बेहतर उपचार व प्रति टीवी मरीज को उपचार दौरान प्रतिमा 500 रुपए भी उसके खान-पान के लिए दिए जाने के बड़े-बड़े दावे किए जा रहे हैं लेकिन औरैया जिले के जिला चिकित्सालय के साथ ही बिधूना ऐरवाकटरा अछल्दा बेला सहार अजीतमल दिबियापुर अयाना आदि सीएचसी व जिले के विभिन्न कस्बों में स्थित पीएचसी पर भी टीबी बीमारी के लिए अति आवश्यक साइक्लोसेरन आदि दवाएं पिछले लगभग एक माह से अधिक समय से उपलब्ध नहीं है। टीबी की आवश्यक दवाओं की कमी के चलते टीबी मरीजों की बीमारियां घटने के बजाय लगातार बढ़ती ही जा रही है और वहीं दूसरी ओर दवाओं की यह कमी जिले में टीबी मुक्त अभियान के सरकारी दावों की भी पोल खोलती नजर आ रही है। यही नहीं सरकार टीबी की प्रमुख दवाएं लंबे अर्से से जिले के सरकारी अस्पतालों से नदारत होने के बावजूद केंद्र सरकार, प्रदेश सरकार व चिकित्सा विभाग द्वारा टीबी मुक्त ग्राम पंचायतों को पुरस्कृत कराए जाने के पीटे जा रहे ढिंढोरों पर भी प्रश्नचिन्ह लग रहा। जिस तरह से जिले की अपंग चिकित्सा व्यवस्था बनी हुई है उससे जनता में मौजूदा सरकार के प्रति आक्रोश भड़क रहा है और यही हालत रही तो आगामी लोकसभा चुनाव में इस जिले में भाजपा को इसका खामियाजा भुगतने की बात से इंकार नहीं किया जा सकता है।इस संबंध में पूछे जाने पर चिकित्सा विभाग के अधिकारियों का कहना है उनके द्वारा यह दवा मंगवाने के लिए काफी समय पूर्व मांग पत्र भेजे जा चुके हैं लेकिन फिलहाल दवा उपलब्ध नहीं हो सकी है। भाकियू जिलाध्यक्ष विपिन राजपूत, केशव सिंह सेंगर, वीरेंद्र दोहरे, सुशील बाथम, रामकुमार सक्सेना, डॉ धीरेंद्र सेंगर आदि जिले के जागरूक लोगों द्वारा टीबी बीमारी की अति आवश्यक साइक्लोसेरन दवाएं अस्पतालों में शीघ्र उपलब्ध कराए जाने की प्रदेश के मुख्यमंत्री स्वास्थ्य मंत्री व जिला प्रशासन को शिकायती पत्र भेज कर मांग की गई है।