Satyavan Samachar

घर के आंगन में उगाई कुपोषण से निपटने की ‘औषधि’,दूसरों को भी कर रहीं प्रेरित

रिपोर्टर रजनीश कुमार

औरैया। पोषण वाटिका घर के आंगन में बनाई जाने वाली ऐसी बगिया है, जिसमें अलग-अलग पोषक तत्वों से भरपूर कई तरह के मौसमी फल व साग-सब्जियाँ उगाई जाती हैं। यूँ तो पोषण वाटिका का मकसद रसोईघर से निकले कूड़ा-करकट व पानी का इस्तेमाल कर घर की फल व साग-सब्जियों की दैनिक ज़रूरत को पूरा करना है, पर जनपद की ग्रामीण महिलाओं की समझ कहीं ऊपर और अलग है। अछल्दा ब्लॉक के ग्राम पंचायत औतों की आंगनवाड़ी कार्यकर्ता सुमन चतुर्वेदी ने अपने घर के आंगन में पोषण वाटिकाएँ बनाई हैं। सुमन बताती हैं कि वर्ष 2018 में परियोजना के सहयोग से उन्होंने अपने आंगन में पहली पोषण वाटिका बनाई थी। इसके फायदों को देखते हुए बाद में उन्होंने दो और पोषण वाटिकाएँ बनाई। साथ ही वह अपने साथियों के साथ आस-पास के दूसरे गावों में भी पोषण वाटिका बनाने का प्रशिक्षण देकर इसके उपयोग के लिए लोगों को प्रोत्साहित कर रही हैं।
सुमन अब तक 15 पोषण वाटिकाएँ बनवा चुकी हैं। सुमन बताती हैं कि पोषण माह में गर्भवती को पचरंगा भोजन करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। इसी क्रम में मौसमी ताज़े फल व हरी पत्तेदार सब्जियाँ खाने की सलाह दी जाती है। ग्रामीण इलाकों में, विशेषकर गरीब परिवारों के लिए पोषण वाटिका के कई फायदे हैं। सबसे पहले इससे उन्हें हर दिन अलग-अलग ताज़ा फल व साग-सब्जियाँ मिलती हैं, जिससे शरीर को संपूर्ण पोषण मिलता है। दूसरा घर पर ही फल-सब्जियाँ उपलब्ध होने से बाज़ार पर निर्भरता कम हो जाती है। तीसरा, बाज़ार से महंगे फल- सब्जी खरीदने की ज़रूरत नहीं पड़ती, जिससे रोज़ पैसों की बचत भी होती है। उन्होंने बताया कि अपनी ग्राम पंचायत में लाभार्थी सुनीता, प्रियंका, पूनम, नीलम, उमा और रूपरानी आदि के घरों में पोषण वाटिका बनवाई है। माँ-बच्चा रहें कुपोषण से दूर, पूरे साल मिलते हैं जैविक उत्पाद सुमन बताती हैं कि पोषण वाटिका बनाने की योजना इस प्रकार तैयार करनी चाहिए कि पूरे साल ताज़े व जैविक उत्पाद उपलब्ध हो सकें। घर के आस-पास उपलब्ध ज़मीन को लम्बाई या गोलाई में क्यारियों के रूप में बाँट लिया जाता है व उसपर जैविक खाद डाल दी जाती है। वाटिका के बीच में छोटी-छोटी क्यारियाँ एवं बाहर की तरफ बड़ी क्यारियां बनाई जाती हैं। छोटी क्यारियों में हरी पत्तेदार सब्जियाँ जैसे पालक, धनिया, चौलाई जबकि बड़ी क्यारियों में मौसमी सब्जियाँ उगाई जाती हैं। मेढ़ों पर मूली, गाजर, चुकंदर, शलजम आदि उगाए जाते हैं और बाहरी किनारों पर बेल वाले पौधे जैसे लौकी, तोरई, कद्दू, करेला, परवल आदि उगाए जाते हैं। वाटिका को अधिक आकर्षक बनाने के लिए कोनों पर सजावटी फूलदार पौधे भी लगाए जा सकते हैं। पोषण वाटिका का सबसे बड़ा फायदा यह है कि सभी उत्पाद पूर्णत: जैविक होते हैं। साथ ही हर दिन विविध प्रकार के उत्पाद मिलते हैं जो अलग-अलग पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं। माँ और बच्चे को स्वस्थ रखने में पोषण वाटिका की भूमिका अमूल्य है। इससे माँ-बच्चे को संपूर्ण पोषण मिलता है, जिससे कुपोषण से बचाव होता है।

Prashant Yadav
Author: Prashant Yadav

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