लोकसभा चुनावों के उत्साहवर्धक परिणामों के बाद इंडिया गठबंधन व समाजवादी पार्टी को ये एक सुनहरा मौका मिला है कि वो ग़ाज़ियाबाद में अपने संगठन की ताक़त को दिखाएं और भाजपा के सबसे बड़े शहरी गढ़ में ही उसे हराए। अयोध्या की जीत ने दिखा दिया है कि कुछ भी असंभव नहीं है। किसान आंदोलन के गवाह ग़ाज़ियाबाद में आंदोलित किसान; आक्रोशित बेरोज़गार युवक-युवतियाँ; असुरक्षित महिलाएं; जीएसटी व भाजपाई चंदा वसूली से परेशान व्यापारी, कारोबारी, दुकानदार;
अग्निवीर विरोधी युवा व जाम, धूल, धुएँ से परेशान आम जनता, बुजुर्ग और साथ ही पूरे प्रदेश से यहाँ आकर बसे हुए सेवा निवृत लोग पुरानी पेंशन को लेकर परेशान हैं। साथ ही जो ऊँची-ऊँची बिल्डिंगों में रहते हैं या ई-रिक्शा चलाकर अपना गुज़ारा करते हैं, वो सब भी हर चौराहे व विभाग में भ्रष्टाचार और महँगाई का शिकार हुए हैं। इस बार सिर्फ़ गली-मोहल्लेवाले ही नहीं बिल्डिंग-टॉवर वाले भी भाजपा के ख़िलाफ़ वोट डालने जा रहे हैं। अब तक भाजपा को वोट देनेवाले हर एक मतदाता से हम कहेंगे कि वो इस बार तार्किक रूप से ये सोचकर परिवर्तन के लिए वोट डाले कि जिस शहर ने भाजपा को हमेशा जिताया, उस शहर को भाजपा ने आख़िरकार दिया ही क्या है सिवाय तकलीफ़, परेशानी और दिक़्क़तों के। ये चुनाव भाजपा राज में ख़तरे में पड़े संविधान, लोकतंत्र, आरक्षण, प्रेस-मीडिया की आज़ादी, जातीय जनगणना की माँग व प्रभुत्ववादी सोच के 10% लोगों से 90% PDA को बचाने और PDA की एकजुटता और एकता दिखाने का भी चुनाव है। PDA के एक साथ आने से इंडिया गठबंधन का हर एक कार्यकर्ता जानता है कि ग़ाज़ियाबाद जीत का नया इतिहास लिखने जा रहा है, इसीलिए वो अपने बूथ पर 100% जीत सुनिश्चित करने का जी तोड़ प्रयास कर रहा है। सबको धन्यवाद व शुभकामनाएँ! आखिर में हमारी सपा, कांग्रेस व इंडिया गठबंधन के अन्य सभी सहयोगी दलों के जुझारू कार्यकर्ताओं से ये अपील है कि : – मतदान भी, सावधान भी!