औरैया 16 मई 2024- 16 मई 1858 को अंग्रेजी सैनिकों से गुरिल्ला युद्ध में शहीद हुए 81 क्रांतिवीरों को जिलाधिकारी नेहा प्रकाश एवं पुलिस अधीक्षक चारु निगम एवं अधिकारियों संबंधित सहित स्थानीय लोगों ने याद कर श्रधांजलि दी। साथ ही शहीदों की स्मृति में 81 दीपक प्रज्ज्वलित कर यमुना नदी में प्रवाहित किये गए।
शहीदों की स्मृति को समर्पित संस्था भारत प्रेरणा मंच के तत्वावधान में श्रद्धांजलि कार्यक्रम में जिलाधिकारी नेहा प्रकाश ने कहा कि इन शहीदों का स्मरण हमें सच्चाई व देशधर्म के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है। पुलिस अधीक्षक चारु निगम ने बलिदानियों के बताए रास्ते पर चलने की अपील की। मुख्य विकास अधिकारी अनिल कुमार सिंह, उपजिलाधिकारी अजीतमल रामअवतार, राजकुमार दुबे व बीडीओ बब्बन प्रसाद मौर्य ने बलिदानियों को श्रद्धांजलि ज्ञापित की। भारत प्रेरणा मंच के महासचिव अविनाश अग्निहोत्री ने बताया कि प्रथम स्वाधीनता संग्राम में इटावा से कलेक्टर एओ ह्यूम व कर्नल रिडिल के नेतृत्व में यमुना के जलीय मार्ग से कालपी में रानी लक्ष्मीबाई के साथ में होने वाले युद्ध में ब्रिटिश सेना का साथ देने जा रही रही इटावा से चली अंग्रेजी सेना जैसे ही 12 मई 1858 को बीझलपुर के यमुना घाट पर पहुंची जनपद की क्रांतिकारी सेना ने यमुना के दोनों किनारों से अंग्रेजी सेना पर धावा बोल दिया। अपने घातक प्रहारों से क्रांतिकारी सेना ने चार दिन तक अंग्रेजी सेना को कालपी की तरफ नहीं बढ़ने दिया । जब कलेक्टर ए ओ ह्यूम ने देखा कि बिना जमीनी मार्ग से अतिरिक्त सेना मंगायें वह बीझलपुर यमुना घाट से एक कदम आगे नहीं बढ़ पाएगा तो उसने इटावा से अतिरिक्त सेना मंगवा कर क्रांतिकारियों पर पीछे से हमला करवा दिया । चारों तरफ से घिरने के बाद भी क्रांतिकारी सेना पीछे ना हट कर अपनी जान पर खेलकर अंग्रेजी सेना से बराबर लोहा लेती रही । इस युद्ध में 81 क्रांतिकारियों ने आजादी की बलिवेदी पर अपने आप को बलिदान कर दिया । इनमें पांच सगे भाई भी शामिल थे। श्रधांजलि सभा के दौरान कैप्टन निर्भय सिंह गुर्जर, हरि तिवारी, राहुल दुबे, लवकुश गुर्जर, अंशुल गुर्जर, रिंकू मिश्र, अमित तिवारी, निर्मल पांडेय आदि मौजूद रहे!
Report MD Shakeel Auraiya