कौशांबी।उत्तर प्रदेश के कौशांबी जिले में जीजा द्वारा रिश्ते को शर्मशार करने का मामला सामने आया है।साली के साथ उसके ही जीजा ने दुष्कर्म किया।गर्भवती होने पर ट्यूमर का बहाना कर साली को कई महीनों तक अपने घर पर रखा और समय पूरा होने पर एक निजी क्लिनिक में ले जा कर डिलीवरी करवाई।हद तो तब हो गई जब क्लिनिक के डॉक्टरों ने कथित तौर पर बच्चे को बेचने की कोशिश की। इसी दौरान बच्चे को बेचने को लेकर विवाद हो गया और यह बात सीडब्ल्यूसी तक पहुंच गई।
नाबालिग साली से किया दुष्कर्म
चरवा थाना क्षेत्र के एक गांव में एक जीजा ने अपनी 14 वर्षीय साली के साथ दुष्कर्म किया।फिर डरा धमका कर मुह बंद करा दिया गया।जब साली गर्भवती हो गई तो अपने ससुराल वालों को गुमराह किया और बताया कि उसको ट्यूमर हो गया है। इसके बाद अपने घर रख लिया। फिर जब डिलीवरी का समय पूरा हुआ तो जीजा ने सरांय अकिल थाना क्षेत्र के निजी अस्पताल जनता पाली क्लीनिक में भर्ती करवा कर साली का प्रसव करवा दिया। फिर इलाज के बाद साली को उसके घर छोड़ दिया।
बच्चे को बेचने की कर रहे थे कोशिश
आरोपी जीजा और निजी अस्पताल के दो डॉक्टर संदीप सरोज और आशीष मिश्रा ने किशोरी का प्रसव कराकर उसके नवजात को अस्पताल में रखकर बच्चे को बेचने की कोशिश करने लगे। इसी बीच किशोरी ने अपने एक अन्य रिश्तेदार की मदद से मंझनपुर मुख्यालय स्थित सीडबल्यूसी ऑफिस से सम्पर्क किया। जहां उसने आपबीती बता कर कमेटी से इंसाफ की गुहार लगाई।सोमवार को सबूत और किशोरी के बयान के आधार पर चाइल्ड वेलफेयर कमेटी ने किशोरी के नवजात बच्चे की तस्करी के मामले में कड़ा एक्शन लिया है।
सीडबल्यूसी ने दिए जांच के आदेश
सीडबल्यूसी ने चरवा पुलिस को मामले मे दुष्कर्मी जीजा और निजी अस्पताल के दो डाक्टरों के खिलाफ मुक़द्दमा दर्ज कर जांच करने के आदेश जारी किया। सीडबल्यूसी अध्यक्ष कमलेश चंद्र के मुताबिक प्रकरण को कमेटी ने स्वतः संज्ञान लिया है। जांच में सामने आया था कि किशोरी से दुष्कर्म के बाद उसका प्रसव कराकर आरोपी और अस्पताल के डॉक्टर नवजात का सौदा 4 लाख रुपये में किसी अज्ञात व्यक्ति से करने कोशिश कर रहे थे। वहीं किशोरी की मां ने आरोपी पर आरोप लगाते हुए बताया कि शादी के कुछ साल बाद ही उसकी बेटी किसी दूसरे व्यक्ति के साथ भाग गई थी और दामाद ने उसी का बदला लिया है। वहीं निजी अस्पताल के डॉक्टर आशीष मिश्रा का कहना है कि बेचने का कोई मामला नहीं है।