बंबों में टेल तक पानी न पहुंचने से फसलें सूखकर हो रही बर्बाद
किसान परेशान अधिकारी बने अनजान कैसे होगा कल्याण
रिपोर्टर रजनीश कुमार
औरैया। जिले के अधिकांश बंबों में टेल तक पानी न पहुंचने से हजारों रुपए की लागत से उगाई गई किसानों की सैकड़ो एकड़ भूमि पर खड़ी फसलें सिंचाई के अभाव में सूख कर बर्बाद हो रही है जिससे किसानों की चिंता और बेचैनी काफी बढ़ी हुई है। समस्या से परेशान किसानों में शासन व सिंचाई विभाग की लापरवाही के प्रति भारी आक्रोश भड़क रहा है। किसानों ने जल्द बंबों में टेल तक पानी न पहुंचाए जाने पर इसके खिलाफ आंदोलनात्मक कदम उठाने की भी चेतावनी दी है।
इन दिनों किसानों को धान न बाजरा, मक्का, ज्वार, मूंगफली, सब्जी आदि की सिंचाई व लहसुन, आलू, सरसों आदि फसलों की बुआई के लिए खेतों की पलेवा को पानी की बड़े पैमाने पर आवश्यकता है, किंतु इसके बावजूद जिले की खासकर बिधूना तहसील क्षेत्र के रतनपुर माइनर, बिकूपुर माइनर, कुदरकोट माइनर, सहसपुर माइनर, रूरुखुर्द माइनर, हरचंदापुर बैबाह माइनर, कैथावा माइनर आदि बंबों में पिछले कई महीने से एक बूंद भी पानी टेल तक नहीं पहुंचा है, जिससे लगभग आधा सैकड़ा गांवों के किसानों की हजारों रुपए की लागत और मेहनत से उगाई गई उपरोक्त फसलें सिंचाई के अभाव में सूखकर बर्बाद हो रही है। यही नहीं जिले के अन्य बंबों रजवाहों की भी कमोबेश यही हालत है। एक ओर जहां जिले में आवारा जानवरों से फसलें बचा पाना किसानों के लिए काफी टेढ़ी खीर साबित हो रहा है वहीं दूसरी ओर सिंचाई की समस्या किसानों की फसलों पर कोढ़ में खाज बनी साबित हो रही है। किसानों की खरीफ की फसल सिंचाई की समस्या का संकट मंडराने से किसानों की अगेती आलू लहसुन की फैसले भी पलावा बिछड़ने से प्रभावित होने की संभावना से अभी से ही किसानों की दिलों की धड़कनें बढ़ती नजर आ रही है। समस्या से परेशान जिले के किसानों द्वारा सूखे पड़े बंबों में टेल तक पानी पहुंच जाने की लगातार गारे लगाई जा रही है किंतु इसके बावजूद शासन जिला प्रशासन व सिंचाई विभाग उदासीन बना नजर आ रहा है, जिससे किसानों की नाराजगी भड़क रही है। भाकियू के जिलाध्यक्ष विपिन राजपूत डॉ धीरेंद्र सेंगर, श्याम सुंदर शाक्य, राजपाल भदौरिया, अंकित दिवाकर आदि क्षेत्रीय किसान नेताओं ने जल्द बंबों में टेल तक पानी पहुंचाए जाने की मांग करते हुए जल्द समस्या का समाधान न होने पर इसके खिलाफ आंदोलनात्मक कदम उठाने की भी चेतावनी दी है।